कालजयी क़लम
आज के शब्द
मुक्तिबोध
अब अभिव्यक्ति के सारे ख़तरे
उठाने ही होंगे।
तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब।
वनपुष्प : आदिम गाथा, आधुनिक कलम
आदिवासी रचनाकार
विद्रोह की कलम
जहाँ हर शब्द एक चिंगारी है।
कालजयी क़लम
मुक्तिबोध
अब अभिव्यक्ति के सारे ख़तरे
उठाने ही होंगे।
तोड़ने ही होंगे मठ और गढ़ सब।
वनपुष्प : आदिम गाथा, आधुनिक कलम
आदिवासी रचनाकार
विद्रोह की कलम
जहाँ हर शब्द एक चिंगारी है।