
तुलसीदास ने भक्ति काल में राम भक्ति की धारा को घर-घर तक पहुँचाया, जिससे भारतीय समाज में भक्ति और नैतिक मूल्यों का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने राम को एक आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रस्तुत किया, जो जनमानस के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
कविताएं