नागार्जुन
नागार्जुन, जिनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी और मैथिली के एक जनकवि थे, जो अपनी प्रगतिशील विचारधारा, व्यंग्यात्मक शैली और आम आदमी के जीवन पर आधारित कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
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नागार्जुन, जिनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी और मैथिली के एक जनकवि थे, जो अपनी प्रगतिशील विचारधारा, व्यंग्यात्मक शैली और आम आदमी के जीवन पर आधारित कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
धूमिल हिंदी के एक क्रांतिकारी कवि थे, जिन्होंने अपनी कविताओं में आम आदमी के संघर्ष और राजनीतिक भ्रष्टाचार को बेबाकी से उजागर किया।
केदारनाथ सिंह हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि थे, जिन्हें उनके काव्य संग्रह ‘अकाल में सारस’ के लिए 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2013 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कासिरा सुन्दरा टोली, सिमडेगा, झारखंड 1940-2025 रोज केरकेट्टा एक प्रमुख भारतीय आदिवासी लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो झारखंड में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों के लिए अपनी रचनाओं और कार्यों से आवाज़ उठाती हैं।
गुजराँवाला, पंजाब 1919 – 2005 अमृता प्रीतम एक प्रसिद्ध भारतीय लेखिका, कवयित्री और उपन्यासकार थीं, जिन्हें पंजाबी साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ों में से एक माना जाता है।
सुनाम, पंजाब 1930 – 2019 रमणिका गुप्ता एक लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने आदिवासी, दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया।
दानापुर, पटना 1885 हीरा डोम 19वीं सदी के पहले दलित कवि थे, जिनकी कविता ‘अछूत की शिकायत’ 1914 में सरस्वती पत्रिका में छपी थी। इस कविता को हिंदी दलित साहित्य की पहली कविता माना जाता है।
मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश 1950 – 2013 ओमप्रकाश वाल्मीकि एक प्रसिद्ध दलित साहित्यकार थे, जिनकी आत्मकथा “जूठन” ने हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
गोलपीठा, महाराष्ट्र 1949 – 2014 नामदेव ढसाल एक प्रसिद्ध मराठी कवि, लेखक और दलित पैंथर आंदोलन के संस्थापकों में से एक थे।
फ़र्रूख़ाबाद, उत्तर प्रदेश 1907 – 1987 महादेवी वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘छायावादी’ युग की एक प्रमुख कवयित्री, लेखिका, और समाज सुधारक थीं, जिन्हें ‘आधुनिक मीरा’ के नाम से भी जाना जाता है। 👋