उत्तर प्रदेश जीडीसी असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हिन्दी पाठ्यक्रम
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वैचारिक पृष्ठभूमि भारतीय नवजागरण और स्वाधीनता आन्दोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि हिन्दी नवजागरण । खड़ीबोली आन्दोलन। फोर्ट विलियम कॉलेज भारतेन्दु और हिन्दी नवजागरण, महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण गांधीवादी दर्शन अम्बेडकर दर्शन लोहिया दर्शन मार्क्सवाद, मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद, उत्तर आधुनिकतावाद, अस्मितामूलक विमर्श (दलित, स्त्री, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक) पृथ्वीराज रासो – रेवा तट अमीरखुसरो – खुसरों की
यूजीसी नेट (हिन्दी) के पाठ्यक्रम की रचनाएँ Read More »
तुलसीदास ने भक्ति काल में राम भक्ति की धारा को घर-घर तक पहुँचाया, जिससे भारतीय समाज में भक्ति और नैतिक मूल्यों का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने राम को एक आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रस्तुत किया, जो जनमानस के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
नागार्जुन, जिनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी और मैथिली के एक जनकवि थे, जो अपनी प्रगतिशील विचारधारा, व्यंग्यात्मक शैली और आम आदमी के जीवन पर आधारित कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
धूमिल हिंदी के एक क्रांतिकारी कवि थे, जिन्होंने अपनी कविताओं में आम आदमी के संघर्ष और राजनीतिक भ्रष्टाचार को बेबाकी से उजागर किया।
केदारनाथ सिंह हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि थे, जिन्हें उनके काव्य संग्रह ‘अकाल में सारस’ के लिए 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2013 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।